President Rule In Bengal News || बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर आ गई बड़ी खबर! Murshidabad||Bengal Murshidabad Violence: वक्फ कानून पर बवाल के बाद बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग तेज
Bengal Murshidabad Violence: वक्फ कानून पर बवाल के बाद बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग तेज
मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल | 16 अप्रैल 2025
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर भड़की हिंसा ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। हालात इतने गंभीर हो गए कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग उठने लगी है। विरोध-प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया, जिसमें जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ।
13 अप्रैल को शुरू हुए प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया जब लोगों ने सड़कों पर उतरकर राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया, पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और एक सांसद के कार्यालय पर हमला किया। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने की पुष्टि हुई है। कई घर और दुकानें भी आगजनी की चपेट में आ गए। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए धारा 144 लागू की और अब तक 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
विपक्ष और स्थानीय संगठनों की मांग
घटना के बाद बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल बताते हुए केंद्र से राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि “राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है। अगर अभी भी केंद्र नहीं हस्तक्षेप करता, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।”
ममता सरकार का जवाब
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थिति पर नियंत्रण में है और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दिया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ अधिनियम में बदलाव केंद्र का विषय है और राज्य सरकार इसकी क्रियान्वयन में शामिल नहीं है।
सुरक्षा और प्रशासनिक कदम
हिंसा के बाद प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि शांति बहाल करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएं।
मौजूदा स्थिति और आगे की संभावना
फिलहाल, मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है। केंद्र सरकार हालात पर नज़र बनाए हुए है और अगर हिंसा फिर से भड़कती है, तो राष्ट्रपति शासन जैसे बड़े कदम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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